01.कर्जा मांगने का उद्देश्य
01.कर्जा मांगने का उद्देश्य
यदि हम आनलाइन संगठित हो सके पहली बार एक साथ तो भविष्य में कोई नया संगठन खड़ा करना 3 दिन का काम होगा।
मूल उद्देश्य है एक बड़ा संगठन वह भी ताकतवर।
पैसा जोड़ता भी है और तोड़ता भी है।
लेकिन बिना धन के बनाया गया संगठन सिर्फ बातें बनाने वाला निहत्था ग्रुप बन कर रह जायेगा जबकि हमें सहयोग करना है हिन्दूओं को सक्षम बनाना है।
लेकिन यदि छः महीने में हम 50,000 मेंबर, जो 1 रूपया रोज मुझे कर्ज देने वाले,नही इकट्ठा कर पाते हैं सारा पैसा वापस कर देंगे। सब कुछ निर्भर करता है संगठन बड़ा होने पर।
जून 2022 से 10 जुलाई 2022 तक मैं 1900 मात्र मेंबर ही बना पाया हूं। समय कम है इसलिए आपका सहयोग चाहिए होगा।
लेकिन यदि बड़ा संगठन बन सका तो निर्धारित लक्ष्य इस तरह होंगे।
1-पहला उद्देश्य है मुस्लिम बैतुलमाल या बिना ब्याज का बैंक की तर्ज पर हिन्दू बैतुलमाल बनाना।
2-मेरा दूसरा उद्देश्य है हिन्दू धर्म पर आधारित एक केबीसी प्रोग्राम टीवी पर करना। जिससे पढ़ाई करके सीधे 1 करोड़ कमा सके और उसका चरित्र निर्माण भी हो। धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान आदि वह सभी कुछ, जिससे मोबाइल के सहारे, एक समझदार व जिम्मेदार नागरिक बन सकें और धर्म की पढ़ाई करके इनाम पाने की कोशिश कर सकें।
3.तीसरा सबसे खास है कि नयी वैज्ञानिक खोजों पर जहां सरकारी तंत्र सुस्त रहता है वहां यह धन व्यय करना व हिन्दू तथा देश को समृद्ध बनाना। चीन और इस्राइल की तरह।
कोई अपनी मेहनत की कमाई को गरीबों में लुटाए तो कितने दिन और कितनी मात्रा में। सबके अपने खर्चे है।
लेकिन 1 रुपये रोज का कर्ज तो भिखारी भी दे सकता है और जिसे जरुरतमंद को देने में या बांटने में मुझे भी संकोच नहीं होगा।
हम हिन्दू कैसे संगठित हो सकते हैं?
हम न तो जुमे को और न ही रविवार को पूरे देश के हिन्दू अपने धर्म गुरुओं के साथ एकत्र हो सकते हैं।
हम न तो RSS की शाखा में और न मंदिर में एकत्र नहीं होते हैं।
तो क्या हम हिन्दू लोग आनलाइन एकत्र होने की कोशिश भी नहीं कर सकते हैं।
और यही कोशिश मैं करने की कोशिश करना चाहता हूं।
संगठित होने का तरीका हमें मुस्लिम समाज से सीखना चाहिए।
गली में संगठित,
एरिया में संगठित,
शहर में संगठित और
आनलाइन पूरी दुनिया में संगठन।
और हम हिन्दू लोग कहां पर है।
कुछ करने के लिए कायदे से
ज्यादा इरादे की जरूरत होती है।
उम्मीद से ही इरादे बनते हैं,
दिल में उम्मीद जगाये रखो,
अपनों पर विश्वास बनाए रखो,
इरादे झकमार के पूरे होंगें।